Sunday, August 30, 2009

दादा जी की संकलन से - भाग ३

समस्या
१. जीवन में जो समस्याएं होती हैं, वह मूलत हमारी इच्छाएं होती हैं।
२. ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका कोई समाधान न हो।
३. समस्याओं को हम सुलझाना नहीं चाहते, क्योंकि हमें उनके साथ जीने की आदत पड़ जाती है।
४ हम समस्या रहित जीवन की उम्मीद करते हैं, यही सबसे बड़ी समस्या है।
५. कुछ लोग समस्या को इस तरीके से सुलझाते हैं कि कोई नई समस्या पैदा कर जाते हैं।
६ कुछ लोग समस्याओं को दूसरों के जरिए सुलझाते हैं, मगर चाहते हैं कि दूसरा उनके ही तरीके से सुलझाए, इस तरह यह भी एक समस्या बन जाता है।
७. समस्याओं का समाधान की तलाश में ही इतने पंथ बने। इन पंथों का आपसी टकराव फिर समाज के लिए नई समस्या बना।
५. समस्या के समाधान के लिए शासन व्यवस्था बनी। मगर इस व्यवस्था में व्यक्ति समूहों से प्रति दिन होने वाली गलतियां अनेक समस्याएं खड़ी करती हैं। प्रशासक के स्तर पर होने वाली गलती और भ्रष्टाचार से पूरा समाज समस्याग्रस्त होता है।

(विद्वानों के कथनों का संग्रह)

2 comments:

  1. हम समस्या रहित जीवन की उम्मीद करते हैं, यही सबसे बड़ी समस्या है।

    bahut sahi baat .

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