-ओम राघव
कुछ बोले, आज़ादी मिल गई,
कुछ बोल, कहां आज़ादी
कुछ ने कहा, दुनिया पर छा जाएंगे
कुछ बोले, बढ़ी आबादी।
कुछ कहते, सब लोहा मानेंगे,
कुछ बोले, बस बर्बादी।
सबको सब कहने-सुनने की
है भाई पूरी आज़ादी
जिनको लगता नहीं मिली है
उनको भी तो है आज़ादी।
जय हो आज़ादी। जय हो गांधी।
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जय हो आपकी भी ..........बहुत ही सुन्दर ख्यालात
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