सबने देखी उड़नतस्तरी
कुछ बोले, इसमें नर है,
कुछ ने कहा, नहीं स्त्री।
सबने देखी उड़नतस्तरी
(यह कविता पूरी देखें -
http://sudhirraghav.blogspot.com/
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अकेलापन हमें अपने प्रति कठोर और दूसरों के प्रति कोमल बनाता है।
SUNDAR RACHNA HAI......
ReplyDeleteबढिया रचना!!
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