मेरा नाम अद्वैत राघव है। यह ब्लॉग मैं अपने दादा जी के लिए तैयार कर रहा हूं। उनका नाम ओमपाल सिंह राघव है। उन्होंने काफी कुछ रचा है। उनका एक उपन्यास सत्तर के दशक में प्रकाशित हुआ था, जिसका नाम था भाग्यविधान। इसके अलावा उन्होंने दो और उपन्यास और ढेर सारी कविताएं लिखी हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के जिले बुलंदशहर के एक गांव मीरपुर-जरारा में हुआ। रेलवे में लंबे समय तक नौकरी करने के बाद वह रिटायर हुए। आजकल वह हरियाणा के भिवानी में रह रहे हैं। वहीं पर मेरा भी जन्म हुआ। अब में मोहाली के गोल्डन बेल स्कूल में पढ़ रहा हूं। मेरे इस ब्लॉग पर आप मेरे दादाजी की रचनाएं पढ़ सकते हैं। मैं यह काम स्कूल की छुट्टियों में शुरू कर रहा हूं और आगे भी जारी रखूंगा।
लिंक बातने के लिये शुक्रिया.....पढकर अच्छा लगा ज्ञानवर्धक रचना...
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