अहंकार - यह व्यक्ति के जीवन के लिए सबसे ज्यादा समस्याएं पैदा करता है। अहंकार से मुक्ति के लिए विद्वानों ने चार मार्ग कहे हैं-
१. वाक संयम - वाणी का संयम सबसे अच्छा उपाय है। व्यर्थ की बातों में शक्ति नष्ट होती हैं, आवश्यक्तानुसार बोलना ही लाभकारी होता है।
२. स्वार्थ त्याग - स्वार्थ के कारण ही मनुष्य का अहं भाव उस पर हावी होता है। अतः एक दूसरे का ध्यान रखते हुए जीवन को सुन्दर बनाना चाहिए।
३. योग साधना - मन को विरत करने के लिए मनुष्य को ध्यान योग की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। मन के एकाग्र होने पर क्लेश निराश आदि समाप्त होते हैं और अहंकार की उत्पत्ति ही नहीं होती।
४. विवेक- स्वाध्याय से मनुष्य में विवेक और बुद्धि जाग्रत होती है। विवेकशील व्यक्ति अहंकारहीन ही जाता है।
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बिलकुल सही कहा......
ReplyDeleteकल्याणकारी बातें यहाँ ब्लॉग पर प्रेषित करने हेतु बहुत बहुत आभार आपका.
bahut hi sundar aur sachchi baaten likhi hain...
ReplyDeleteApke DADAji ko pranam...
bahut hi sunder v prerna dayk baaten
ReplyDeleteSUNDAR AUR SACHHE BAAT ... HREDAY SE NIKLE BOL ... ATI SUNDAR ...
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