Wednesday, July 29, 2009

दूसरे ग्रह से आए यान की क्रैश लैंडिंग की पहली कथा

समुद्र मंथन महज एक पौराणिक कथा नहीं है। समुद्र मंथन की कथा असल में अंतरक्षीय घटनाओं पर विमर्श की पहली दस्तावेजी घटना है। इसका वर्णन कुछ अतिश्योक्तिपूर्ण जरूर है। यह कथा स्कंद पुराण के माहेश्वर खंड में मिलती है। इसे पढ़ने पर जो संकेत मिलते हैं, उससे लगता है की किसी अन्य ग्रह से इंद्र आदि देवताओं के लिए रसद लेकर आया अंतरिक्षयान (मन्दराचल) पृथ्वी के वायुमंडल में खराब हो जाने के बाद अपने तय स्थान क्षीर सागर में नहीं उतर सका। इस यान का समुद्र में लाकर ही खोला जा सकता था। इसलिए is मिशन को नाम दिया गया समुद्र मंथन। उस समय दैत्य राज बलि ने इंद्र को पराजित कर समस्त संसाधनों पर कब्जा कर रखा था, ऐसे में बिना उनकी मदद से इस यान को वापस समुद्र में लाना संभव नहीं था। राक्षसों को मनाने के लिए इस मिशन के मूल तथ्यों को गुप्त रखा गया।इस संबंध में विस्तार और वैग्यानिक नजरिए से स्कंद पुराण की कथा नए संदर्भ में इस ब्लॉग पर उपलब्ध है
-http://sudhirraghav.blogspot.com/

3 comments:

  1. Leejiye,' Bikhare sitare'pe doosaree post hazir hai...

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  2. दिलचस्प बात है............ कितना कुछ है हमारे पुरानो, ग्रंथों में................

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  3. बहुत तर्क पूर्ण व्याख्या प्रस्तुत की है दादाजी ने। -दादा-पोते दोनों भाग्यशाली हैं।

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