Saturday, February 12, 2011

समस्या

जीवन का आभास ही सबूत है

समस्या के आस्तित्व का

समस्या से रहित जीवन नहीं होता

समस्या सुलझाने की चाह होती है

प्रस्तुत समाधान करती महत्वाकांक्षा भी

कभी बन जाती अपनी समस्या

दूसरा नहीं होता कारण

समस्या के प्रसूत का

प्रेरणस्रोत मूलरूप से हम उसका

दोष पर दूसरों को देते रहते सदा

शरीर और कर्म का सद्पयोग होना चाहिए

सहनशक्ति स्नेह व सहयोग के साथ

सटीक निर्णय की त्वरित शक्ति चाहिए

नहीं कम गंभीरता भी समाधान जैसा चाहिए

होगा समस्या का अवश्य निदान

अपेक्षित कथित तत्व होने चाहिए।

ओम राघव

15-11-2010

2 comments:

  1. आपकी यह ब्लाँग पोस्ट बहुत ही अच्छी लगी ,आभार ।

    सुप्रसिद्ध उपन्यासकार और ब्लाँगर नन्दलाल भारती जी का साक्षात्कार पढने के लिए यहाँ क्लिक करेँ>>

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